महाशिवरात्रि: त्रेता युगीन बाबा भदेश्वरनाथ के जलाभिषेक को जुटने लगे भक्त, भोर में खुलेंगे मंदिर के कपाट
महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को त्रेतायुगीन बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर जलाभिषेक के लिए फूल-माला से सजकर तैयार है। सुरक्षा के साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा बगैर किसी बाधा के पूजा-पाठ करने संबंधी तैयारी पूरी कर ली गई है। गुरुवार को आईजी रेंज और डीएम बस्ती ने मंदिर पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया। शुक्रवार को महाशिवरात्रि है। जिसके चलते बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पर भारी भीड़ इकट्ठा होगी। मंदिर में महादेव का जलाभिषेक करने का मुहूर्त रात दो बजे से ही शुरू हो जाएगा। जो अगले दिन शाम पांच बजे तक चलेगा। मंदिर के पुजारी रमेश चंद्र गिरि ने बताया कि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। इस बार मंदिर परिसर में बैरिकेटिंग लगी हुई है जिससे कतार से ही जल चढ़ाने व दर्शन करने का मौका मिलेगा।
त्रेता युगीन है बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर
लोगों का मानना है कि यह मंदिर त्रेतायुगीन है। वहीं शिवपुराण में भी इस मंदिर का भद्र नाम से उल्लेख किया गया है। किंदवंतियों के मुताबिक लंकापति रावण ने अयोध्या पर आक्रमण के दौरान विजय प्राप्त करने के लिए यहां भगवान शिव की अराधना के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी। वहीं मंदिर के पुजारी रमेश चंद्र गिरि का कहना है बस्ती के राजा ने 1734 में दो पुजारियों गंगा व जमुना को मंदिर में पूजा करने के लिए नियुक्त किया था। हम सब उन्हीं के वंशज हैं। 1927 में मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसका वर्तमान स्वरूप दिया गया। मंदिर परिसर में शिव मंदिर के साथ ही माता पार्वती, नंदी का मंदिर व कुआनो तट पर देवरथ मंदिर भी स्थित है।